क्या आनेवाले दिनों के कोर्ट का फैसला ऐसा आयेगा  ?

आज की तारीख में सरकार की कई सारी जनकल्याण योजनाये चलायी जा रही है। पहेले भी चलती थी। अब भी चल रही है और चलती रहेगी।  पर हम कभी गौर भी करेंगे की इन योजना के हक़दार दोनों दिन कैसे और क्यू बढ़ रहे है?
सबसे बड़ी बात तो यह है के,सरकार जो एक अदृश्य शक्ति है। जो योजनाये बनतो लेती है पर उसे अमल में लानेवाला तंत्र बहुत ही ज्यादा धीट है। और उसे अपने अधिकारोपर लगनेवाली अंकुश को बर्दाशत करने की आदत नही है। और यही लोग है जो सामान्य नागरिको को उनके लिए चलायी जानेवाली परियोजनाओ से दूर रखते आये है। क्यू के इन्हें गारंटी है के सरकार चलनेवाले लोकप्रतिनिधि कितने दिन सत्ता में रहेंगे रहेंगे भी तो उन्हें भ्रष्ट करनेका तंत्र इन लोगो को भलीभाती अवगत है।
सरकारी नोकरी बड़ी महेनत से जरुर मिलती है पर उस के माध्यम से अपनेही परिजनों के लिए कुछ बहेतर करनेका मौका भी मिलता है। इस बात को यह नोकर क्यू कर भूल जाते है पता नहीं।
शायद मेरा अनुभव कुछ हदतक गलत लगे आपको ,पर आप इस पर सोच सकते है जरुर । आप देखे की आज तक हमारे हिन्दुस्थान में अवैध मकान दुकानों को टूटते देखा है। इस प्रक्रिया के लिए सरकारी तंत्र बेहद सख्त होकर निडर होकर कार्यवाही करता है। और अपनी पूरी शक्ति के साथ  इन अवैध निर्माण कार्यपर टूट पड़ता है। इस कार्यवाही में बड़े से बड़े गुंडे ,मवाली ,राजनेता ,सरकारी अधिकारीयो के रिश्तेदारोकी दुकाने,मकान तोड़े जाते है। पर यह सब कब होता है जब के इस अवैध निर्माण के माध्यमसे वे लोग करोडो रूपया कमा लेते है। और यही लोग नियमो का पालन करनेवालों को ता उम्र कानून सिखाते है ,दिखाते है। क्यू के नगर निगम ये लेकर सभी सरकरी विभाग जिनके अपसर,कर्मचारी इनके इसी अवैध निर्माण में बैठकर बड़ी आस्था से चाय पिये होते है। उनकी इस हरकत से उस परिसर के लोग यह समझते है के यही सही और कानून जाननेंवाला है। और सही व्यक्तित्व है। इस कारण उससे जाने अनजाने प्रभावित होते है।
इस अनुभव से आप सभी परिचित होंगे। जब इन्ही लोगो का अवैध निर्माण कोर्ट के आदेश से निकलता है। तब जा कर लोगो को पता चलता है के जिसे हम आस्था से देख रहे थे वह गलत व्यक्तित्व,कानून के साथ खिलवाड़ करनेवाला था। ऐसे मामलों में मेरे निरीक्षण अनुसार अबतक किसी कोर्ट ने ऐसा आदेश नहीं दिया है ,जिस के तहत ऐसे अवैध निर्माण बन रहे थे तब से लेकर इन अवैध निर्माणों के हटाने के आदेश तक उस शहर,गाव ,जिला इस में संबधित सरकारी अधिकारी ,कर्मचारी इनकी जिम्मेदारी तय कर इस अवैध निर्माण हटाने की मुहीम का सारा खर्चा इन सरकारी तंत्र की तनख्वा से वसूला जाये साथ ही इन लोगो की प्रमाशन उतने सालो तक रोकी जाए जितने सालो के वह अवैध निर्माण हो।
अगर यह होता है ,तो मेरे विचार से आनेवाले दिनों में किसी मोहल्ले ,गाव,शहर और राज्य में एक भी अवैध निर्माण नहीं होगा और नाही सरकार का वक्त और शक्ति इसके लिए खर्च करनी पड़ेगी।
वन्दे मातरम।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *